कब्बडी में अपनी धाक जमाने वाले और सेकडो युवको को कब्बडी के साथ जोड़ने वाले इंटरनेशल कब्बडी खिलाडी कुलजीत सिंह की बीते दिन इंग्लेंड में हार्टआटेक के कारन मोत हो जाने का समाचार जब मोगा के गाव घ्ल्क्लान में पहुंचा तो पुरे गाव में ही शोक का माहोल पैदा हो गया कुलजीत सिंह ने कब्बडी में ही नही बल्कि और भी कई समाज सेवा के कामो में हिस्सा लिया जिसको लेकर गाव वासी उसे बहुत याद कर रहे है वही दसवी कक्षा की पडाई करते समय ही कुलजीत ने कब्बडी खेलना शुरू कर दिया था और बाद में जीरा की शुगर मिल में काम करते समय वहा की कब्बडी का केप्टन भी बना कुलजीत ने कई नेशनल और इंटरनेशल कब्बडी के टूर्नामेंट खेले और जब वेह इंग्लेंड में खेलने गया तो वही पर ही सेत्तल हो गया और शादी के बाद वही रहने लगा और वहा भी कब्बडी खेलता रहा कुलजीत सिंह की बीते दिन इंग्लेंड में हार्टआटेक के कारन मोत हो गई जिसका समाचार उसके गाव घ्ल्क्ला में पहुंची जहा पर अफ़सोस करने वालो का ताता लगा हुआ है वही इस मोके कुलजीत के छोटे भाई और बहिन ने बतया की कुलजीत लम्बे समय से अपने परिवार के साथ जहा उसकी पत्नी ,बेटा और बेटी के साथ इंग्लेंड में रहता था उसको शुरू से ही कब्बडी का बहुत शोक था और उसने बहुत नेशनल और इन्टरनेशनल टूर्नामेंट भी खेले वही वेह युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए बहुत ही प्रेरित करता था और सब को यही कहता था की नशे को छोड कर खेलो की और ध्यान दो वही उन्होंने कहा की उसके जाने से सिर्फ हमारे परिवार को ही नहीं बल्कि कब्बडी के सभी खेल प्रेमियों को बहुत घाटा हुआ है जो अब कभी पूरा नही हो सकता